50 वें खजुराहो नृत्य समारोह का भव्य शुभारंभ कथक का विश्व रिकॉर्ड अदभुत, इससे भारतीय संस्कृति का दुनिया में मान बढ़ेगा : डॉ मोहन यादव

खजुराहो को नगरपालिका के साथ अस्पताल और 200 करोड़ की अन्य सौगातें

खजुराहो । मध्यप्रदेश के मुख्य मंत्री डॉ मोहन यादव ने सोमवार की शाम यहां विश्व प्रसिद्ध 50 वें खजुराहो नृत्य समारोह का भव्य शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि खजुराहो अब बदल रहा है। खजुराहो नृत्य समारोह ने देश दुनिया में एक अलग पहचान बनाई है । आज यहां कथक कुंभ में जो विश्व कीर्तिमान बना है, जो नया इतिहास रचा गया है वह बड़ी उपलब्धि तो है ही इससे देश दुनिया में भारतीय संस्कृति का मान सम्मान बढ़ेगा। मुख्य मंत्री श्री यादव   ने इस अवसर पर मध्यप्रदेश राज्य रूपंकर कला पुरस्कार एवं प्रदर्शनी 2024 के पुरस्कार भी वितरित किए। इस अवसर पर भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष एवं क्षेत्रीय सांसद वीडी  शर्मा संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री धर्मेंद्र सिंह लोधी वन राज्यमंत्री दिलीप सिंह विधायक अरविंद पटेरिया, कामख्या सिंह ललिता यादव प्रमुख सचिव संस्कृति एवं पर्यटन शिवशेखर शुक्ला संचाला संस्कृति एन पी नामदेव, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के जबलपुर मंडल के अधीक्षक शिवकांत बाजपेयी एवं उस्ताद अलाउद्दीन खां संगीत एवं कला अकादमी के निदेशक जयंत माधव भिसे विशेष रूप से उपस्थित थे।

वहीं माननीय मुख्‍यमंत्री, मध्‍यप्रदेश शासन डॉ मोहन यादव, माननीय सांसद लोकसभा खजुराहो श्री विष्णुदत्त शर्मा, माननीय राज्‍य मंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार) संस्कृति, पर्यटन एवं धा‍र्मिक न्‍यास धर्मस्‍व विभाग, श्री धर्मेन्‍द्र सिंह लोधी, प्रमुख सचिव] संस्कृति एवं पर्यटन श्री शिव शेखर शुक्ला, संचालक, संस्कृति श्री एन.पी. नामदेव, आदिवरत संग्रहालय के प्रभारी अधिकारी श्री अशोक मिश्र ने आदिवर्त संग्रहालय में बने जनजातीय आवासों अवलोकन किया एवं संग्रहालय परिसर में बन रहे गुरुकुल का भूमि पूजन भी किया। इस दौरान माननीय मुख्‍यमंत्री, मध्‍यप्रदेश शासन डॉ मोहन यादव ने कहा कि खजुराहो में देश के पहले जनजातीय और लोक कलाओं के प्रशिक्षण के लिए गुरुकुल स्थापित किया जाएगा। इस गुरुकुल में जनजातीय और ग्रामीण समुदायों की पारंपरिक कलाओं मसलन शिल्प, नृत्य, गायन, वादन, चित्र और उनके मौखिक साहित्य को वरिष्ठ गुरुओं के माध्यम से प्रशिक्षण की व्यवस्था रहेगी। इस गुरुकुल की परिकल्पना इस तरह से होगी, जहाँ ग्रामीण जनजीवन में उनके समग्र विकास के साथ पारंपरिक हुनर और देशज ज्ञान पद्धतियों को संरक्षण मिलेगा। साथ ही पूर्वजों की विरासत को भी विस्तार मिलेगा। वहीं "आदिवर्त संग्रहालय"  खजुराहो के प्रभारी अधिकारी श्री अशोक मिश्र ने कहा कि संग्रहालय द्वारा  पारंपरिक कलाओं का राष्ट्रीय समारोह लोकरंजन का आयोजन 20 से 26 फरवरी, 2024 तक प्रतिदिवस सायं 05 बजे से किया जा रहा है। 20 फरवरी से "आदिवर्त संग्रहालय"  खजुराहो  का समय दोपहर 12 बजे से 09 बजे तक पर्यटकों एवं दर्शकों के लिये किया गया है। 

अपने उद्बोधन में माननीय मुख्यमंत्री श्री मोहन यादव ने कहा कि भारतीय संस्कृति को नष्ट करने के बहुत प्रयास हुए लेकिन ये सारे प्रयास असफल रहे। हमारे पूर्वजों ने बलिदान देकर अपनी संस्कृति और धर्म की रक्षा की। खजुराहो के मंदिर एक हजार साल पुराने इतिहास का साक्षात उदाहरण हैं। उन्होंने कहा की भारतीय संस्कृति ने हमे गर्व करना सिखाया है।  पिछले दिनों दिसंबर में ग्वालियर में तानसेन समारोह के दौरान बने तबला वादन के विश्व रिकॉर्ड का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि आज खजुराहो में नृत्य का जो रिकॉर्ड बना है वह अद्भुत है। इससे तो मेरा सीना भी चौड़ा हो गया है । कला साधकों ने इस से भारतीय संस्कृति की पताका विश्व में फहराने का काम किया है। 

इससे पूर्व सांसद वीडी शर्मा ने अपने उदबोधन में कहा कि खजुराहो पहले से ही  विश्व धरोहर है। इस बार इस समारोह में चार चांद और लग गए कि  यहां की धरती पर विश्व कीर्तिमान स्थापित हुआ। खजुराहो के लिए ये बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि डबल इंजन की सरकार के चलते यह अभूतपूर्व विकास हुआ है। प्रधानमंत्री मोदी जी ने खजुराहो को जहां एयरपोर्ट दिया तो वही पायलट ट्रेनिंग सेंटर भी शुरू किया। मुख्यमंत्री जी ने आयुर्वेदिक हॉस्पिटल और कॉलेज शुरू किया है । उन्होंने मुख्यमंत्री जी के समक्ष  खजुराहो को नगर पालिका बनाने के साथ एक हॉस्पिटल के निर्माण की भी मांग रखी, जिसे मुख्यमंत्री श्री यादव ने तत्काल स्वीकार कर इनके निर्माण की घोषणा भी कर दी। इसके साथ ही उन्होंने 200 करोड़ के विकास कार्यों की सौगात भी खजुराहो के लोगों को सौंपी है। 

कार्यक्रम को संस्कृति मंत्री धर्मेंद्र सिंह लोधी ने भी संबोधित किया। उन्होंने कहा कि आज कथक कुंभ के माध्यम से खजुराहो का नाम विश्व पटल पर अंकित हुआ। ये बड़ी बात है । वैसे भी भारतीय कलाएं हमारी संस्कृति का आइना हैं। ये विश्व की सर्वश्रेष्ठ संस्कृति है। ये संस्कृति सिर्फ अपनी बात नहीं करती बल्कि दुनिया को अपना कुटुंब मानने की बात करती है। भारतीय संस्कृति सबके सुख और कल्याण की बात करती है। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में खजुराहो नृत्य महोत्सव का स्वरूप और उज्ज्वल होगा। 

शुरू में अतिथियों ने दीप प्रज्वलित कर समारोह का विधिवत शुभारंभ किया। अतिथियों के स्वागत में प्रमुख सचिव संस्कृति एवं पर्यटन शिवशेखर शुक्ला ने स्वागत भाषण दिया। संचालक संस्कृति श्री नामदेव नेसभी का स्वागत किया। अंत में ए एस आई के अधीक्षक शिवकांत बाजपेई ने सभी का आभार व्यक्त किया।कार्यक्रम का संचालन  जाने माने कला समीक्षक श्री विनय उपाध्याय ने किया।

इन्हें मिले राज्य रूपंकर कला पुरस्कार:
मध्यप्रदेश राज्य रूपंकर कला पुरस्कार एवम प्रदर्शनी 2024 जिन 10 कलाकारों को पुरस्कृत किया गया है उनमें भोपाल की कामताबाई को देवशकृष्ण जटाशंकर जोशी पुरस्कार, भोपाल की ही रोशनी श्याम को मुकुंद सखाराम भांड पुरस्कार, भोपाल के झुमुकदास को सैय्यद हैदर रजा पुरस्कार, ग्वालियर के अनूप शिवहरे को दत्तात्रेय दामोदर देवलालीकर पुरस्कार,ग्वालियर के बलवंत सिंह भदौरिया को जगदीश स्वामीनाथन पुरस्कार, ग्वालियर के उमेंद्र वर्मा  को विष्णु चिंचालकर पुरस्कार,ग्वालियर क अनुराग जडिया को नारायण श्रीधर बेंद्रे पुरस्कार, खरगोन की दिव्य व्यास को रघुनाथ कृष्णराव फड़के पुरस्कार,इंदौर की शिखा गोयल को राममनोहर सिन्हा पुरस्कार, एव अक्षय साकला  को लक्ष्मीशंकर राजपूत पुरस्कार प्रदान किया गया। मुख्यमंत्री श्री यादव ने ने सभी अतिथियों के साथ इन कलाकारों को 51हजार की सम्मान निधि, एवम प्रमाणपत्र प्रदान किए और सभी को शुभकामनाएं भी दीं। इन सभी कलाकारों की पुरस्कृत कृतियां आप राज्य रूपंकर कला पुरस्कार प्रदर्शनी में देख सकते हैं।

समारोह के खास आकर्षण :

संस्कृति विभाग के अन्तर्गत उस्ताद अलाद्दीन खां संगीत एवं कला अकादमी के साथ पर्यटन विभाग, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण, वर्ल्ड डांस एलायंस एवं छतरपुर जिला प्रशासन के संयुक्त प्रयासों से आयोजित किए जा रहे खजुराहो नृत्य समारोह के दौरान भारतीय नृत्य-शैलियों के सांस्कृतिक परिदृश्य एवं कला-यात्रा की प्रदर्शनी भारतीय नृत्यों पर  एकाग्र-नेपथ्य, भारत सहित विश्व के अन्य देशों की कला प्रदर्शनी आर्ट-मार्ट, भारत एवं पांच देशों के नृत्य कलाकारों द्वारा नृत्य की नई भाषा का संधा-लय शाला  कलाकार और कलाविदों का संवाद-कलावार्ता, वरिष्ठ चित्रकार शंकर शिंदे की कला अवदान पर एकाग्र प्रदर्शनी- प्रणति, देशज ज्ञान एवं परम्परा का मेला-हुनर के साथ टेराकोटा और सिरेमिक राष्ट्रीय प्रदर्शनी कार्यशाला-समष्टि जैसे प्रमुख आकर्षण हैं। 

साहसिक पर्यटक गतिविधियों का भी आनंद उठाएं:

सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ कला प्रेमी और पर्यटक खजुराहो में साहसिक गतिविधियों का आनंद भी उठा सकते हैं और पर्यटक क्षेत्र विशेष की संस्कृति, धरोहर, परंपराओं, रीति-रिवाजों और खान-पान से रूबरू हो सकते हैं। उत्सव में ग्लैंपिंग, विलेज टूर, वॉक विद पारधी, ई-बाइक टूर, सेग-वे टूर, वाटर एडवेंचर जैसी रोमांचक गतिविधियों के साथ स्थानीय संस्कृति, कला और स्थानीय बुंदेली व्यंजनों के स्वाद का भी आनंद लिया जा सकता है।

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